संक्षिप्त विवरण
गौरीपुत्र, गजानंद, शिवसुताय, विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की स्थापना भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को की जाती है। यह महोत्सव हर साल अगस्त या सितम्बर में मनाया जाता है। उत्सव आमतौर पर अनंत चतुर्दशी नामक अंतिम दिन होने वाले सबसे बड़े प्रदर्शन के साथ 11 दिनों के लिए मनाया जाता है।
वर्ष (Years)
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गणेश स्थापना
(Ganesh Chaturthi)
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गणेश विसर्जन
(Anant Chaturdashi)
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2018
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13-Sep-2018
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23-Sep-2018
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2019
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02-Sep-2019
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12-Sep-2019
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2020
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22-Aug-2020
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01-Sep-2020
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गणेश चतुर्थी विस्तृत जानकारी
गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाते हैं। इस दिन, भगवान की सुंदर मूर्तियों को घरों और सार्वजनिक दोनों जगहों में स्थापित किया जाता है। मूर्ति में शक्ति स्थापित करने के लिए प्राण प्रतिष्ठा का आव्हान किया जाता है, जिसे सोलह भागों में किया जाता है और ये अनुष्ठान शोडशोपचार पूजा के नाम से जाना जाता है।
अनुष्ठान के दौरान, मिठाई, नारियल और फूल सहित विभिन्न प्रसाद मूर्ति को अर्पित किये जाते हैं। यह अनुष्ठान दोपहर के आसपास एक शुभ समय पर किया जाना चाहिए, जिसे मध्याहना के नाम से जाना जाता है, जिस समय भगवन गणेश का जन्म हुआ ऐसा माना जाता है।
परंपरा के अनुसार ऐसा माना जाता है, गणेश चतुर्थी पर कुछ समय के दौरान चंद्रमा को न देखना अच्छा माना जाता है। यदि कोई व्यक्ति चंद्रमा को देखता है, तो उसे चोरी के आरोपों के साथ शाप दिया जाएगा और समाज द्वारा अपमानित किया जाएगा। जब तक कि वे एक निश्चित मंत्र का जप नहीं करते।
स्वभवतः ही, भगवान श्री कृष्ण पर एक मूल्यवान गहने के चोरी करने का झूठा आरोप लगाया गया था। ऋषि नारद ने कहा कि श्री कृष्ण ने भद्रपद शुक्ल चतुर्थी (जिस अवसर पर गणेश चतुर्थी मनाई जाती हैं) पर चंद्रमा को देखा था और इसके कारण उन्हें शाप दिया गया था। इसीलिए ऐसा माना जाता है की उस दिन चाँद को देखने वाले को भी ऐसा ही शाप लगेगा इस कारण ही उस दिन चाँद को देखने की मनाही होती है।
शाम को आरती के साथ हर दिन भगवान गणेश की मूर्तियों की पूजा की जाती है और ग्यारह दिन पुरे होने के बाद आमतौर पर गणेश की प्रतिमा को जल में विसर्जित किया जाता है। हालांकि, बहुत से लोग जो अपने घरों में मूर्ति रखते हैं, वे लोग 1.5 दिन , 2.5 दिन , 3 दिन , 5 दिन , 7 दिन , 9 दिन तथा 11 दिनों के लिए भी गणपति की स्थापना करते हैं।
अनंत चतुर्दसी का महत्व क्या है?
आप सोच रहे होंगे कि श्री गणेश की मूर्तियों का विसर्जन इस दिन क्यों समाप्त होता है। यह विशेष क्यों है? संस्कृत में, अनंत, अनंत ऊर्जा, या अमरत्व को संदर्भित करता है। यह दिन वास्तव में भगवान अनंत की पूजा, भगवान विष्णु के अवतार (जीवन के संरक्षक और संयोजक, जिसे सर्वोच्च भी कहा जाता है) की पूजा के लिए समर्पित है। चतुर्दशी का मतलब है "चौदहवें"। इस मामले में, यह अवसर हिंदू कैलेंडर पर भद्रपद के महीने के दौरान चंद्रमा कला के 14 वें दिन पड़ता है।
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